अयोध्या जी जैसा कोई दूसरा धाम नहीं है-अवध सा दूजा नहीं कोई धाम

अवध सा दूजा नहीं कोई धाम ।

परम सुहावन जन मन भावन, रामपुरी बड़ा नाम ।। 

कण-कण पावन अघौघ नसावन, प्रगटे यहाँ श्रीराम । 

शिवजी गावैं उमहिं सुनावैं, महिमा तीर्थ तमाम ।। 

सुर मुनि आवैं महिमा गावैं, करि-करि दण्डप्रणाम । 

सरजू सोहैं छवि मन मोहै, कल-कल जल अविराम ।। 

भगति जगावै राम मिलावै, सत्या पूरणकाम ।

अवध वास ते कबहूँ रीझैं, दीन संतोष के राम ।। 

।। अवध सरजू श्रीराम की जय ।।

Author: श्रीराम कृपाकांक्षी दीन संतोष

स्वामी मेरे राम स्वामिनी सीता माता । " लिखने में नहि मेरा जोर । लिखता मैं हूँ लिखाए और ।। मैं तो बिषई बिषय में जोर । कृपा कीन्हीं अपनी ओर" ।। श्रीराम प्रभु कृपा: मानो या न मानो- www.sriramprabhukripa.blogspot.com श्रीराम प्रभु कृपा यूट्यूब चैनेल https://www.youtube.com/channel/UCsC8xkRvxzaTxh0FPW0Fwpg

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